Maha Herbals
28 Dec 2021
23 Oct 2021
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08 Dec 2020
07 Dec 2020
Maha Herbals
भारत में रोगों की चिकित्सा के लिये पौधों व जड़ी बूटियों के संसाधनों का उपयोग करने का इतिहास वैदिक युग से प्रभाव में है, ऋकवेद और अथर्ववेद मेें भी जड़ी-बूटियों/पौधों के प्रभाव को सावधानीपूर्वक वर्णित किया गया है। आयुर्वेद, ऋक्वेद का उपवेद है और अपने आप में स्वास्थ्य का एक संपूर्ण विज्ञान है । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्व की 75 प्रतिशत जनसंख्या आधारभूत स्वास्थ्य आवश्यकताओं (पान, 2014) के लिए जड़ी-बूटियों का उपयोग कर रही है । यहां तक कि ब्रिटिश फार्माकोपिया में, 50 प्रतिशत दवाएं औषधीय पौधों (पैन, 2014) से संबंधित हैं । हाल के वर्षों में, विश्व भर में नागरिकों की बढ़ती संख्या अपनी स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार करने के लिए अन्य विकल्पों के रूप में हर्बल औषधियों या उत्पादों का चयन कर रही है । कम से कम अथवा कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होने से, दुनियाभर के व्यक्ति धीरे-धीरे इस विकल्प को अपनाने के लिए आश्वस्त हो गए हैं । जड़ी-बूटी के उपयोग की ओर व्यक्ति वापसी कर रहे हैं और इसका ‘‘पुनर्जागरण’’ अब पूरी दुनिया में हो रहा है । स्वास्थ्य संवर्धन में उनके महत्वपूर्ण योगदान के संदर्भ में ये औषधियाँ पौधों, पौधों के अर्क के उपयोग के आधार पर निर्मित की जाती है, बीज, जड़ों, पत्तियों, फलों, छाल, फूलों और यहां तक कि पूरे पौधों का उपयोग किया जाता है । भारत के महान संत परमपूज्य महर्षि महेश योगी जी ने सदा एक रोग मुक्त समाज का सपना देखा और उन्होंने वरिष्ठ वैद्यों (आयुर्वेद चिकित्सकों) द्वारा उपलब्ध योगासन, प्राणायाम, ध्यान और साथ में पारंपरिक और दुर्लभ आयुर्वेदिक योगों को सिखाकर व्यक्तियों के स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए अद्वितीय प्रयास किए। उन्होंने अपने समर्पित शिष्यों को इन सभी मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया । महर्षि जी के संकल्प को पूरा करने के लिए वर्ष 2013 में आयुर्वेदिक औषधियों, पंचकर्म और अन्य वैदिक स्वास्थ्य पद्धतियों के माध्यम से लोगों के निवारक स्वास्थ्य उपचार के लिए महर्षि वैदिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की है। केन्द्र के वैद्यों को जड़ी-बूटियों और आयुर्वेद का बहुत अच्छा ज्ञान है क्योंकि उन्होंने अनेक विश्व प्रसिद्ध सिद्ध वैद्यों के साथ कई औषधीय योग तैयार किए हैं । महान शोधकर्ताओं और वैद्यों की सहायता और मार्गदर्शन में अनेक विशेष और शास्त्रीय औषधियाँ सर्वोत्तम जड़ी बूटियों और उनके अर्क के साथ निर्मित की जा रही हैं । फार्मेसी अल्ट्रा-आधुनिक तकनीक और नवीनतम मशीनों का उपयोग करती है जिसके लिए लाइसेंस आयुष विभाग से प्राप्त किए गए हैं। महर्षि वैदिक स्वास्थ्य केन्द्र में व्यक्तियों की देखभाल करते समय, वैद्यों ने उपलब्ध अनेक दवाओं की अप्रभाविता के कारण कई बार असहाय अनुभव किया। जिससे अंततः ब्रह्मचारी गिरीश जी और वैद्यों ने ब्रांड नाम महा-हर्बल्स के साथ सर्वोत्तम प्रभावशाली हर्बल योगों का निर्माण करने का मन बनाया । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन की एक इकाई महर्षि हर्बल फार्मेसी एंड रिसर्च सेंटर स्थापित की गई है। 40 से 45 वर्ष तक के अनुभवी वैद्य, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ एवं फार्मेसी के विशेषज्ञ महर्षि हर्बल फार्मेसी में विशेष योग तैयार करने व औषधी निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं। प्रारंभ में महा हर्बल्स ने 81 प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराये हैं। 12 नवम्बर को वैदिक पंडितों ने स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवनतरी का पूजन करके यह सभी प्रोडक्ट्स उन्हें अर्पित किये और प्रसाद रूप में जनमानस को ये औषधियाँ (Single Herbs), विशेष योग (Special Formulations) विभिन्न प्रकार के तेल, चूर्ण, शास्त्रोक्त औषधियाँ और 11 प्रकार की आयुर्वेदिक चाय सम्मिलित हैं। www.mahaherbals.biz वेबसाइट से ये औषधियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। इन औषधियों के वितरण की देशव्यापी व्यवस्था भी की जा रही है।
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